रक्षाबंधन पर निबंध | Essay on Raksha Bandhan in Hindi | रक्षाबंधन का महत्व | Stories of Raksha Bandhan in Hindi | रक्षाबंधन का पर्व, तिथि व पूजा विधि
आखिर इंतज़ार ख़त्म होने ही वाला है, आख़िरकार वो त्यौहार आ ही गया जब बहनों के हाथ से भाईयों की कलाई पर रंगीन और सुन्दर धागे चमकते हैं। कहने को तो ये साधारण से धागों से बनी एक डोर होती है जिस पर नग या कुछ अन्य सजावट की वस्तुएं लगाकर इसे सुन्दर बना दिया जाता है जो बाज़ार में कम कीमतों पर भी मिलती हैं, लेकिन यही नाज़ुक सी डोर रिश्तों के बंधन को और मज़बूत कर जाती है।
बहन बड़े प्यार से भाई को ये राखी का “बंधन” बांधती है और भाई बदले में उतने ही लाड़ से उसे “रक्षा” का वचन और साथ ही कोई उपहार या भेंट देता है, इसीलिए तो इस पर्व को कहा गया है – रक्षा बंधन (Raksha Bandhan)।
रक्षा बंधन (Raksha Bandhan) सावन के महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। ये प्रथा वर्षों से चली आ रही है जब इसी दिन बहन अपने भाई को राखी (Rakhi) बांधती है, लेकिन कई परिवारों में छोटी बच्चियां अपने पिता, दादा या किसी अन्य परिवार के बड़े सदस्यों को भी यह रक्षा धागा बांधती हैं।
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फूलों का तारों का सबका कहना है … एक हज़ारों में मेरी बहना है … 🙂
इस रक्षा धागे का प्रचलन आज से नहीं बल्कि युगों-युगों से चला आ रहा है। कभी हमारे देवी-देवताओं (Gods and Goddesses) ने भी इस रक्षा धागे को किसी की कलाई पर बांधा था।
रक्षा बंधन की कहानियाँ
Stories of Raksha Bandhan in Hindi
✍ माना जाता है कि दैत्य राजा बलि को युद्ध में पराजित करने के पश्चात जब भगवान विष्णु ने तीनों लोकों पर विजय प्राप्त की तो बदले में दैत्यराज ने भगवान विष्णु को अपने महल पधारकर वहाँ रहने की विनती की। इस विनती को भगवान् विष्णु ने सहर्ष स्वीकार, किन्तु माता लक्ष्मी प्रभु को अपने साथ वैकुण्ठ ले जाना चाहती थीं।
उसके पश्चात माता लक्ष्मी ने बलि की कलाई में एक रक्षा धागा बाँधा और बलि ने उन्हें अपनी बहन के रूप में स्वीकार कर उनसे कुछ मांगने को कहा, तभी माता लक्ष्मी ने बलि से विष्णु भगवान् से माँगा वचन वापस लेने को कहा। इसके पश्चात माता लक्ष्मी और विष्णु भगवान् वैकुण्ठ में आ बसे।
✍ ये तो हम सभी जानते हैं कि कौरवों और पांडवों के बीच जुए के खेल में दाव पर लगी द्रौपदी की लाज बचाने के लिए स्वयं भगवान् श्री कृष्ण पधारे थे। लेकिन बहुत कम लोग ये जानते हैं कि इस जुए के पश्चात जो महाभारत का युद्ध हुआ उस समय द्रौपदी ने युद्ध पर जाते हुए श्रीकृष्ण की कलाई पर रक्षा धागा बांधकर उनकी मंगल कामना और लम्बी आयु के लिए प्रार्थना की थी।
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यूँ तो राखी में हर किसी की कलाई भरी होती है …. पर बहन न होने का दर्द उससे पूछो …. जिसकी कलाई राखी के दिन सूनी पड़ी होती है।
साथ ही माता कुंती ने भी अपने पौत्र और अर्जुन के बेटे अभिमन्यु की कलाई पर राखी (Rakhi) बांधी थी।
✍ आप सभी ने सन् 1905 में हुए बंग-भंग आन्दोलन के बारे में तो सुना ही होगा, जब अंग्रेज़ बंगाल की एकता को खंडित करने और हिन्दू-मुसलमानों में फूट डालने का निरंतर प्रयास कर रहे थे।
उस समय हमारे राष्ट्र-गान के रचयिता रबिन्द्रनाथ टैगोर ने लोगों में एकता और आपसी भाईचारे की भावना को जागृत करने तथा उसे प्रबल करने के लिए रक्षा बंधन का पर्व मनाना आरम्भ किया और लोगों ने सहर्ष एक दूसरे की कलाई पर राखियाँ बाँधी।
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बहना ने भाई की कलाई से प्यार बाँधा है …….. प्यार से दो तार से ….. संसार बाँधा है 🙂 🙂
हमारी पौराणिक कथाएँ हों या ऐतिहासिक कहानियाँ, सभी में रक्षा बंधन के पावन पर्व की झलक दिखाई देती है, जहां आपसी प्यार, रक्षा और अपनों की मंगल कामना के लिए इस रक्षा धागे पर अपनी आस्था दिखाई गयी। लेकिन क्या सच में इन्हीं पावन कथाओं का अनुसरण करके इस त्यौहार को मनाते हैं?
शायद नहीं, लोगों के दिलों से आज कल ये भावना कहीं गुम सी हो गयी है? पहले जिसे बहन (sister) कह दिया उसे मान भी लिया, लेकिन अब तो अपने सबसे अच्छे मित्र या रिश्तेदार की बहन और बेटी भी हमें बहन नहीं लगती। आदमी उसके वस्त्र और रंग रूप देख कर उस पर बुरी दृष्टि डालते हैं और महिलाएं उसके कपड़ों और हाव-भाव से उसके चरित्र का निर्धारण कर देती हैं।
साथ ही साथ आज कल भाई बहन भी केवल एक छुट्टी या अवकाश की तरह ही इस दिन को मनाने लगे हैं। बहन मिठाई के साथ भाई के घर जाकर उसे राखी बांधती है और भाई भी उसे बदले में कुछ रूपए दे देता है और साथ में भोजन करते ही, रक्षा बंधन (Raksha Bandhan) समाप्त। उसके बाद तो अब ये अगले साल ही आएगा।
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हमारी खूबियों को अच्छे से जानती हैं बहनें, हमारी कमियों को भी पहचानती हैं बहनें, फिर भी हमें सबसे ज्यादा मानती हैं बहनें।
क्या केवल इतनी ही महत्ता है इस पावन पर्व की? क्या ये सही है? नहीं!
हमारा कर्तव्य बनता है कि जब हम अपने छोटे बच्चों को राखी बांधते या किसी को बहन बनाकर उससे बंधवाते हैं, तभी हम उन्हें इस रक्षा धागे (thread) का असली अर्थ भी समझायें। ये मात्र चंद सिक्कों से खरीदा या सोने चाँदी से जड़ा एक रेशम का धागा (Silk thread) नहीं है, बल्कि एक अनमोल रिश्ता है जिस पर बहन आपसे आशा करती है कि आप आजीवन उसकी रक्षा करेंगे।
हर सही कदम पर उसका हौसला बढ़ाएंगे, फिर चाहे दुनिया वाले कुछ भी क्यों न कहें। बुरी नज़र वाले लोगों के और अपनी बहन के बीच ढाल बनेंगे।
अपनी ही क्यों हर बहन या बेटी की रक्षा का वचन ही तो है – रक्षा बंधन (Raksha Bandhan)।
सड़क पर चलने वाली हर लड़की पर कुदृष्टि डालनें से पहले हमारा समाज ये क्यों नहीं सोचता कि ये भी किसी की बहन है और बुरी नज़र डालने वाला हर मनुष्य ये क्यों भूल जाता है कि वो अभी घर से अपनी बहन ही सही लेकिन किसी लड़की को ही उसकी रक्षा का वचन (word of defense) देकर निकला है।
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कभी हमसे लड़ती है, कभी हमसे झगड़ती है, लेकिन बिना कहे हमारी हर बात को समझने का हुनर भी बहन ही रखती है।
केवल धागा बांधकर उपहार देना ही रक्षा बंधन (Raksha Bandhan) का नाम नहीं है, यदि सम्पूर्ण समाज ये समझ जाए तो इस त्यौहार को और अधिक प्यार से मनाने का मज़ा ही कुछ और होगा।
आपसी प्यार और सद्भावना के साथ हर भाई और बहन इस दिन मिलें, अपने भाई की लम्बी आयु और मंगल कामना की प्रार्थना करते हुए बहन उसे राखी बांधे और भाई उसे उपहार में उसकी रक्षा करने और आजीवन उसका साथ देने का वचन भी दे।
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रक्षाबंधन की तिथि व पूजा विधि
Rakshabandhan’s Date and Worship method
इस बार रक्षा बंधन आने वाले सोमवार यानि कि 7 अगस्त, 2017 को है। मनाने की विधि कुछ इस प्रकार है:
🖊 सुबह उठकर नित्य क्रम कर, स्नान करें।
🖊 साफ़ सफाई करें, सजें सवंरें।
🖊 ईश्वर की पूजा अर्चना करने हेतु आरती का थाल सजायें और इसी थाल में राखी, मिठाई, फल, कुछ पैसे, तिलक के लिए हल्दी, कुमकुम और थोडा घी भी रखें।
🖊 इसके बाद ईश्वर के सामने दिया जलायें।
🖊 भाई को तिलक लगाकर, उसे राखी बांधें, उसकी भी आरती करें और मंगल कामना की दुआ मांगें।
🖊 उसके उपरान्त उसे मिठाई खिलाकर उससे उपहार में अपनी रक्षा का वचन लें।
Bahut hi payara blog hai
Thanks for your valuable comment, @Paarth. 🙂
Bahut Hi Badhiya Post Raksha bandhan par likha hai aapne……
Happy Raksha Bandhan
बहुत-बहुत धन्यवाद, राकेश जी। 🙂
Apko bhi Raksha Bandhan ki dher sari shubhkamnaye aur badhayiyan. 🙂
शानदार। लिखने का अंदाज बहुत पसंद आया।
धन्यवाद, @ActualPost.com 🙂
Bhot bhot shukriya….apka andaj blog likhne ka bhot alag hota h.
Jaise Aamir Khan ki hr movie kuch alg Sikh deti h aur kuch sikhne ko milta h vaise hi apke blog p ane k bad hume net pack data use krne m aur blog pdhne m koi pachtava nhi hota h.
Aise acche vichar humse share krte rhe.
God bless your dreams come true.👍
Thank you so much Radha mam for your lovely comment and appreciation. 🙂
आप जैसे लोगों का प्यार ही है जो लिखने के लिए सदैव प्रोत्साहित करता रहता है।
ब्लॉग पर आने व हमारा उत्साह बढ़ाने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद और सादर आभार। 🙂
Thanks a lot for your sweet blessing.
Bhut achha likhe aap..
Dhanyawad Krishna Mohan ji. 🙂
Bhut Hi Acha Likha Hai !!!
Sukriya Itna Acha Blog likhne Ke Liye 🙂
Thanks a lot … @Hindi Shayari. 😊😊
बहुत रोचक…
धन्यवाद कैलाश जी। 🙂 🙂
बहुत ही बेहतर जानकारी आपने share किया उसके लिए आपको बहुत बहत धन्यवाद साथ मे रक्षबंधन की आपको सुभकामनाए
Thank you so much …. Kavita ji. Apko bhi “Belated Happy Raksha Bandhan”. 🙂
Bahut hi Sundar Likha hai Aapne iske liye Dil Se aapka Shukriya !
सादर आभार …. Abhay ji. 🙂
Bahut acchi jankari di aapne……Raksha Bandhan ke bare me bahut kuch accha read karne ko mila……thanks for share…….
Amul ji, Thank you so much for your valuable feedback. 🙂
ek complete detailed article. aapki mehnat ke liye aap dhanyawad ke patra hai. aise hi likhte rahe
Aadil ji, blog par aane wa hamara utsah badhane ke dhanyawad aur saadar aabhar!! 🙂
Really I like it this Article
Thanks a lot Sonu ji.
good job bhai
Thank you Harpreet ji. 🙂
How much you earn from your blog sir plz. Tell me because I’m very much inspiring from you I want do full time blogging I quit my job
Sonu ji, Thanks for using this kind word. 🙂
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Beautifully and well explained article on Raksha Bandhan.
Thank you so much Anil ji!! 🙂
बहुत ही रोचक है आपका ब्लॉग … अच्छी पोस्ट …
Blog par aane wa apna vichar rakhne ke liye saadar aabhar …. Sir!! 🙂
Thanks for sharing us.
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You are doing a Great job Sir ji.
Thanks a lot Sanjay ji.
beautifully written
Thanks a lot ….. @SM. 🙂
App ki post likhe de skill kafi achi ha
Utsahvardhan ke liye saadar aabhar @Ibuildblog 🙂
app ke blog write karne ke skill kafi achi ha sir
Appreciate karne ke liye bahut-bahut dhanyawad. 🙂
beautiful and amazing post on raksha bandhan
Thanks a lot for such kind of appreciation!! 🙂