Motivational Success Stories in Hindi | महान लोगों की सफल कहानियाँ | Success Stories of Great People in Hindi | महान लोगों की सफलता की प्रेरणादायक कहानियाँ | Safal Logo Ki Kahaniya | सफल लोगों की कहानियाँ | Mahan Logo Ki Kahaniya
अल्बर्ट आइंस्टीन | Albert Einstein Success Story in Hindi
अल्बर्ट आइंस्टीन (Albert Einstein) को सीखने में अयोग्य (असमर्थ) करार देकर बचपन में ही स्कूल से घर भेज दिया गया था। उनके माता-पिता को बताया गया कि यह लड़का शिक्षित (Educated) हो ही नहीं सकता।
माता-पिता ने इस बात को मानने से इंकार कर दिया और अंततः ऐसी व्यवस्था की, कि आइंस्टीन को उत्कृष्ट (श्रेष्ठ) शिक्षा मिली।
और एक समय ऐसा आया कि लोग आइंस्टीन को जीनियस के पर्यायवाची के रूप में बोलने लगे। लोग एक-दूसरे पर जब कमेंट करना होता तो बोलते- आइंस्टीन बन गए हो क्या ?
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बीच रास्ते से लौटने का कोई फायदा नहीं क्योंकि लौटने पर आपको उतनी ही दूरी तय करनी पड़ेगी जितनी दूरी तय करने पर आप लक्ष्य तक पहुँच सकते है।
अगर लोगों की बात मानकर उनके माता-पिता उनको काम-धंधे में लगा देते तो आज दुनिया बहुत से अविष्कारों से वंचित रह जाती।
अल्बर्ट श्वेत्ज़र | Albert Schweitzer Success Story in Hindi
डॉ. अल्बर्ट श्वेत्ज़र (Albert Schweitzer) को भी स्कूल में यही समस्या (Problem) आयी थी। दरअसल, स्कूल वालों ने उनके माता-पिता को प्रोत्साहित (Encouraged) किया कि वे उसे किसी मोची का एप्रेंटिस बना दें, ताकि बड़े होने पर उसके पास कम-से-कम एक सुरक्षित काम तो रहे।
आइंस्टीन और श्वेत्ज़र, दोनों ही ने बीस साल की उम्र से पहले ही डॉक्टरेट हासिल की और बीसवीं सदी के इतिहास (History) पर अपने कदमों के निशान छोड़े।
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इस दुनिया में असंभव कुछ भी नहीं। हम वो सब कर सकते है, जो हम सोच सकते है और हम वो सब सोच सकते है, जो आज तक हमने नहीं सोचा।
सीखने की अयोग्यताओं (Ineligibility) पर फार्च्यून पत्रिका में एक लेख छपा था। व्यवसायियों पर केंद्रित इस लेख का निष्कर्ष था कि फार्च्यून 500 कॉरपोरेशन्स के बहुत से प्रेसिडेंट और सीनियर एक्जीक्यूटिव्स को स्कूल में खास प्रतिभाशाली या सक्षम नहीं मन जाता था। लेकिन मेहनत (hard work) की बदौलत उन्होंने बाद में अपने उद्योग में भारी सफलता हासिल की।
थॉमस एडिसन | Thomas Edison Success Story in Hindi
थॉमस एडिसन (Thomas Edison) को छठे ग्रेड में स्कूल से निकाल दिया गया था। टीचर्स ने उनके माता-पिता से साफ-साफ कह दिया था कि उन्हें कुछ सिखाने की कोशिश करना (to try) समय की बर्बादी है, क्योंकि वे कुछ भी नहीं सीख सकते और कतई स्मार्ट नहीं हैं।
एडिसन बाद में जाकर आधुनिक युग के सबसे महान आविष्कारक (Inventor) बने। इस तरह की कहानी हजारों बार दोहराई जा चुकी है।
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भीड़ हमेशा उस रास्ते पर चलती है जो रास्ता आसान लगता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं की भीड़ हमेशा सही रास्ते पर चलती है। अपने रास्ते खुद चुनिए क्योंकि आपको आपसे बेहतर और कोई नहीं जानता।
खुद को सीमित करने वाले विश्वास (believe) कई बार तो सिर्फ एक अनुभव या टिप्पणी पर ही आधारित होते हैं। दुखद बात यह है कि उनकी वजह से आप बरसों तक रुके रहते हैं। ज्यादातर लोग जिस क्षेत्र में खुद को अयोग्य मानते थे, बाद में उन्होंने उसी में महारत हासिल की।
यह देखकर दूसरे तो हैरान हुए ही, उन्हें भी कोई कम हैरानी नहीं हुई। शायद आपके साथ भी ऐसा हो चुका होगा। आपको अचानक एहसास (feeling) होता है कि उस क्षेत्र में अपने बारे में आपको सीमित करने वाले विचार दरअसल सच्चाई पर आधारित थे ही नहीं।
लेखक लुईस हे (Louise Hay) ने कहा था कि – जीवन में हमारी ज्यादातर समस्याओं (the problems) की जड़ इस भावना में है, “मैं पर्याप्त अच्छा नहीं हूँ।”
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जब तुम पैदा हुए थे तो तुम रोए थे जबकि पूरी दुनिया ने जश्न मनाया था। अपना जीवन ऐसे जियो कि तुम्हारी मौत पर पूरी दुनिया रोए और तुम जश्न मनाओ।
डॉ. अल्फ्रेड एडलर (Alfred Adler) ने कहा है कि पाश्चात्य व्यक्ति की नैसर्गिक (प्राकृतिक) विरासत “हीनता” की भावनाएँ हैं, जो बचपन में ही शुरू हो जाती हैं और अधिकांशतः आजीवन (Lifelong) चलती रहती हैं।
अपने नकारात्मक विश्वासों, जिनमें से ज्यादातर गलत होते हैं, की वजह से कई लोग अकारण ही अपनी बुद्धि, प्रतिभा, क्षमता, रचनात्मक या योग्यता को सीमित मान लेते हैं। लगभग हर मामले में ये विश्वास झूठे ही होते हैं।
दरअसल आपमें इतनी ज्यादा क्षमता (Ability) है कि आप इसका पूरा इस्तेमाल इस जिंदगी में तो नहीं कर सकते। कोई भी आपसे बेहतर या स्मार्ट नहीं है। लोग तो बस अलग-अलग वक़्त पर अलग-अलग क्षेत्रों में ज्यादा स्मार्ट या बेहतर होते हैं।
Nice post
Saadar aabhar Dharam ji. 🙂
Aapki blogger ki templet ka name kya hai
Mere blog ki template ka nam “unlimited” hai. Apne according maine esko customize kiya hai. 😊😊
बहुत ही अच्छी आर्टिकल शेयर किया है अपने बेहतरीन example के साथ। थैंक्स फ़ॉर शेयरिंग।
@Achhipost, Thank you so much for your valuable feedback. 🙂
awesome story hai aapki
🙂 Thank you Yashdeep ji 🙂
Your thaught are very swart good to everybody.
🙂 🙂
LOVE TI
Aabhar!! 🙂 🙂
बहुत बढ़िया लिखा आपने। सच मे आपका नया डिजाइन बढ़िया है।
Dhanyawad Mukesh ji. 🙂
good and hard work
🙂
Very inspiring stories. Thanks for the post.
Thanks for your valuable comment Kumar ji. 🙂
bhaut khoob dear, acchi post likhi aapne kaash mera bhi writting skill aapki tre ho paata but i will to best😉😊😊
verry nice post👌👌👌👌
@WikiHunt, tarif ke liye shukra gujar hain hum apke ….. saadar aabhar!! 🙂
thankyou dear, me bhi aapke liye sukker gujaar hu ki aap wikihunt.in ke reguller viwer me se ek hai
thanks for support….keep it up 🙂
Yes … ofcourse. 😊😊
gajab sir
Dhanyawad @Ekhabar 🙂