मेंढक का आत्मविश्वास और सोच – प्रेरणादायक हिंदी कहानी । दो मेंढक की शिक्षाप्रद हिंदी कहानी । Two frogs very short motivational & moral story in Hindi । Believe in yourself to achieve the impossible story in Hindi
एक बार की बात है, कुछ मेंढकों का समूह (Group of frogs) जंगल में घूमने के लिए निकला। अभी वो कुछ ही दूर गए थे की तभी उनमें से दो मेंढ़क एक गहरे गड्ढे (deep pit) में गिर गए और गड्ढे के बीच एक पत्थर पे लटक गए।
अन्य सभी मेंढ़क गड्ढे के आसपास एकत्र हो गए। और जब उन्होंने देखा कि गड्ढा काफी गहरा है, तो उन लोगों ने गड्ढे में गिरे दोनों मेंढ़कों को बाहर निकलने का प्रयास करने की बजाय मरना ही अच्छा बताया।
लेकिन गड्ढे में गिरे दोनों मेंढक (Two frogs) उनकी बातों को नजर अंदाज करते हुए गड्ढे से बाहर निकलने के लिए जोर-जोर से कूदने लगे और बाहर निकलने का भरपूर प्रयास करने लगे।
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अन्य मेंढ़क जो कि गड्ढे के आसपास एकत्रित थे उन्हें ये बताने में लगे रहे कि उनके लिए बाहर निकलना असंभव है और बार-बार कूदने से जो कई बार चोट लग रही है उससे बेहतर यही रहेगा कि वो गड्ढे के अंदर की तरफ कूद कर अपनी जान दे दें।
बोलने से पहले आपको दो बार सोचना चाहिए क्योंकि आपके शब्द, किसी के मन में सफ़लता या असफ़लता के बीज बों सकते हैं। – नेपोलियन
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अंततः, मेंढकों की बातों में आकर एक मेंढ़क जो की बाहर आने का प्रयास कर रहा था उनकी बातों पर ध्यान दिया और प्रयास करना छोड़ दिया। उसे लगा कि ये लोग सही बोल रहे हैं और इतने गहरे गड्ढे से बहार निकलना मुश्किल है। और फिर वह गड्ढे में और नीचे की तरफ कूद कर मर गया।
लेकिन अभी भी गड्ढे में बचा दूसरा मेंढक (Frog) अपनी हिम्मत नही हारा था और वह पहले से और जोर-जोर से कूदने और बाहर निकलने का प्रयास करने लगा था। तभी एक बार फिर, मेंढकों की भीड़ उस पर चिल्लाई कि और ज्यादे अपने को दर्द मत दो और गड्ढे के अंदर की तरफ कूद कर अपनी जान दे दो।
इस बार वह और ज़ोर से कूदा और आखिकार उसने कर दिखाया। जब वह बाहर आया, तो बाकि के मेंढकों ने उससे कहा कि, “क्या तुम हमें अन्दर सुन नहीं रहे थे?”
Believe in yourself to achieve the impossible.
इस पर उनसे उस मेंढक ने कहा कि वह तो बहरा (deaf) है। और बताया कि वह गड्ढे के अंदर उनको देखकर यह सोचता रहा कि वे उसे शुरू से ही प्रोत्साहित (encouraging) कर रहे हैं।
शिक्षा | Moral
- असंभव लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपने आप पर यकीन (विश्वास) रखें।
- जीवन और मौत की शक्ति इंसान की सोच और विश्वास में है। यानि यह आपके ऊपर निर्भर करता है कि आप हारना पसंद करते हैं या जीतना, ना कि दूसरों की सोच और कथनी पर।
very inspirational story..thanks to the author for giving us such stories which are giving a lot of inspiration.
Thank you so much @Supriya Pandey Ji …….. for appreciating us … !! 🙂 🙂
It was an interesting idea…..nice story….
Thanks a lot Sandeep Ji for putting your view.
छोटी सी प्रेरित करने वाली कहानी है ,साथमे लेखक का नाम भी दें .
Dhanyawad Pavitra ji. Lekhak ka nam “Mritunjay Kumar Tripathi” hai. 😊😊
Thank’s yaar
Thank’s you so much
Cool article it’s really useful.
Thank you for commenting. 🙂
HindIndia
It very intresting story