Believe in yourself in Hindi Motivational Story । अपने पर विश्वास रखो । आत्मविश्वास पर शिक्षाप्रद हिंदी कहानी । अपने आप पर यकीन रखो
‘जब तक साँस तब तक आस।’ जब आशा ही नष्ट हो जाये, तो जीवन में रह ही क्या जाता है? सारा उत्साह ही ठंडा हो जाये, तो सब कुछ सूना, सब कुछ फीका, सब कुछ आनंदहीन हो जाता है।
कुछ लोग तो इतने कोमल और नाजुक होते हैं कि यदि उनका उत्साह (Excitement) टूट जाये तो वे अपने को वश में नही रख सकते। एक ही असफलता (Failure) उन्हें ले बैठती है। उसके बाद वे प्रयत्न करना ही बंद कर देते हैं। जिसका परिणाम यह होता है कि वे मध्यम कोटि के व्यक्ति रह जाते हैं, जबकि उनमें योग्यता उत्तम या प्रथम कोटि का मनुष्य बनने की थी।
उन्होंने ऊपर उठना जीवन की उंचाईयों पर चढ़ना बंद कर दिया, अतः वे नीचे ही रह गए। उन्होंने अपनी उन्नति को रोक दिया।
पेड़ की शाखा पर बैठा पंछी कभी भी इसलिए नहीं डरता कि डाल हिल रही है, क्योंकि पंछी डाली में नहीं अपने पंखों पर भरोसा करता है।
लोग यह भूल जाते हैं कि जीवन की उन्नति किसी एक की सफलता (Success) पर आधारित नहीं वह तो निरंतर श्रम और प्रयत्न पर निर्भर है। इसलिए हमे कभी भी अपनी परिस्थितियों के आगे घुटने नही टेकने चाहिए बल्कि उनका डट कर मुकाबला करना चाहिए और हिम्मत (courage) और धैर्य से काम लेना चाहिए।
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आज हम आपको एक ऐसे ही व्यक्ति के जीवन की कहानी बताने जा रहे है, जिससे हमें काफी कुछ सीखने को मिलेगा, तो चलिए चलते हैं –
एक नवयुवक ने एक प्रख्यात विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त कर ली। उसके बाद वह नौकरी खोजने लगा। कई महीने तक उसे नौकरी नही मिली। वह निराश (Disappointed) हो गया। उसमे स्वाभिमान कूट-कूटकर भरा था। उसने विश्वविद्यालय की शिक्षा भी अपने प्रयत्नों से, अपने श्रम से धन जुटाकर पूरी की और अब उसके पास कुछ भी पूंजी शेष न थी।
पैसे समाप्त हो जाने के कारण उसे दो दिन से खाना भी नहीं मिल पाया था और किराया न दे पाने के कारण उसे निवास का कमरा भी छोड़ना पड़ा था। उसने कई रातें बाग की बेंच पर सोकर काटी। उसे यह अनुभव (experience) होने लगा कि उसके लिए धरती और आकाश सब उलट गए हैं। उसे अपना जीवन बेकार लगने लगा।
आत्मविश्वास वह संबल है, जो रास्ते की हर बाधा को धराशायी कर सकता है।
वह नौकरी के लिए जहाँ भी जाता, नौकरी न मिलती। अंत में निराश होकर उसने नौकरी ढूंढना ही छोड़ दिया। उसे लगा कि उसके भविष्य में प्रकाश की एक किरण भी बाकी नहीं बची। उसे इस भय ने जकड़ लिया कि वह निकम्मे और बेकार लोगों की श्रेणी में धकेल दिया गया है। उसके वस्त्र फटने आरम्भ हो गए।
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अब उसकी ऐसी दशा हो गयी थी कि वह भले वेश में किसी के सम्मुख न जा सकता था। प्रथम तो कहीं जाने का उत्साह ही नहीं जुटा पाता, जो कहीं जाता भी तो उसे धिक्कारकर बाहर निकाल दिया जाता। अनेक प्रयत्नों से अंत में उसे एक रद्दी से होटल में बर्तन मांजने की नौकरी मिल गयी।
इससे उसकी रोटी तो जैसे-तैसे चलने लगी, लेकिन सोने के लिए अब भी उसे बाग में पड़ी बेंच का सहारा लेना पड़ता था।
एक रात वह इसी दुर्दशा में बेंच पर लेटा हुआ था कि अकस्मात् उसे एक नवीन दृष्टि प्राप्त हुयी। उसे आसमान में मोटे-मोटे अग्नि जैसे लाल अक्षरों में लिखा दिखाई दिया – ‘अपने पर विश्वास रखो (Believe in yourself)।’
जिसने अपने को वश में कर लिया है, उसकी जीत को देवता भी हार में नहीं बदल सकते।
सारी रात वह सो नहीं सका। व्याकुलता से वह सुबह होने की प्रतिक्षा करने लगा। सुबह होते ही उसने अपने मन में वह बात पुनः दोहराई – ‘अपने पर विश्वास रखो (Believe in yourself)।’ वह उठा और नदी किनारे गया। वहां जाकर उसने हाथ-मुंह धोकर अच्छी तरह दाढ़ी बनायी।
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उसके बाद वह एक मोची के पास गया और मीठी बातें करके उसे अपना मित्र बना लिया। उसने बूट पॉलिश मांगकर अपने हाथों से अपने जूतों को चमकाया। तब मन में दृढ-संकल्प (determination) के साथ नौकरी की खोज करने लगा।
रात्रि को प्राप्त हुई चेतना और नवीन दृष्टि उसके लिए रक्षा-कवच के समान काम कर रही थी। अब वह किसी कार्यालय में जाता तो उसका स्वागत होता था। अब वह चोर नहीं लग रहा था। उसके वस्त्र विशेष अच्छे नहीं थे, पर उसके मुख पर आत्मविश्वास (Self-confidence) की झलक थी। वह जो कहता था, उससे भी आत्मविश्वास झलकता था। सौभाग्य से उसे नौकरी मिल गयी।
नौकरी उतनी अच्छी न थी, जितनी वह चाहता था या इच्छा करता था, लेकिन फिर भी काफी अच्छी थी। सबसे बड़ी बात यह थी की वह अपनी समस्या को सुलझाने में सफल हो गया था। उसने वह महान और महत्वपूर्ण पाठ पढ़ लिया था, जो अपने पर विश्वास (believe) करना सिखाता है, जो अपनी शक्तियों पर भरोसा करना सिखाता है।
आत्मविश्वास, सफलता का मुख्य रहस्य है।
उस रात्रि में प्राप्त हुई दृष्टि ही उसके लिए सफलता का मंत्र बन गई। उस युवक का कथन है कि उसकी उन्नति का कारण यही दृष्टिकोण है – ‘अपने पर विश्वास रखो (Believe in yourself), अपने सच्चे मित्र बनाओ।’ आज वह युवक इतने ऊँचे पद पर प्रतिष्ठित है कि उसे देखकर ईर्ष्या (सकारात्मक भाव में लें) होती है।
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शिक्षा | Moral
कई बार व्यक्ति परिश्रम तो कर रहा होता है, परंतु उसे उसका फल प्राप्त नहीं होता। वह इस पर आश्चर्य करता है, किन्तु इसमें आश्चर्य करने की कोई बात नहीं, क्योंकि वह व्यक्ति काम अपनी ही आशाओं व आकांक्षाओं के विरुद्ध कर रहा होता है। वह जिस वस्तु को प्राप्त करना चाहता है, परिश्रम उससे उल्टा कर रहा होता है।
इसलिए हमें अपनी विपरीत परिस्थितियों में घबराना नहीं चाहिए, अपने पर विश्वास रखना चाहिए और धैर्यपूर्वक सही दिशा में अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए। ऐसा करने से हमें सफलता निश्चित ही मिलेगी, इसे कोई रोक नहीं सकता।
very inspiring story……agar khud par vishvas ho to kuch bhi hasil kiya ja sakta hai…..
Dhanyawad Amul ji, bilkul sahi kaha aapne. 😊
Wakai me hum vishwas ke dum par jo chahe wo paa sakte hain
Mujhe lagta hai ap is story ko aur achcha likh sakte the
Dhanyawad Pranav ji, blog par aane wa apna vichar rakhne ke liye bahu-bahut aabhar….!! ☺☺
खुद पर विश्वास जीवन में बहुत बड़ा बदलाव ला सकता है . nice article
Thanks ….. Aadil ji. ☺😊
बहुत अच्छी story है । यह बात बिल्कुल सही है कि आत्मविश्वास के बिना सफलता नही मिलती ।
Dhanyawad …. Babita ji. 😊😊
इंसान का सबसे अच्छा दोस्त, सबसे अच्छा मार्गदर्शक उसका अपना आत्मविश्वास है। आत्मविश्वास से हर चीज पाई जा सकती है। बढ़िया कहानी।
बिलकुल सही कहा आपने। ……… धन्यवाद ज्योति जी।
good story
belief confidence both are very important
धन्यवाद SM. 🙂
Very nice story…
Thanks …. Gaurav Ji. 🙂
bahut hi badhiya bhai
धन्यवाद @SupportMeYaar……….!! 🙂 🙂
Believe yourself…बहुत ही अच्छा फिल हो रहा है पढनें के बाद.thanks for sharing
@Achhipost, बहुत-बहुत धन्यवाद और आभार। 🙂
aapne bahut hi achhi p-ost ko share kiya nice article
बहुत बहुत धन्यवाद Ajay ji!! 🙂 🙂
उम्मीद, सब्र, जतन और भरोसा यही तो सफ़लता के मंत्र हैं।
रख हौसला कि वो मंज़र भी आएगा
प्यासे के पास चलकर समंदर आयेगा
अद्भुत पोस्ट। उत्तम कार्य।
बिलकुल सही कहा आपने अमित जी लेकिन इसके साथ-साथ कड़ी मेहनत और लगन का भी होना जरूरी है, बहुत-बहुत धन्यवाद। 🙂 🙂
आत्मविश्वास ही जीवन में सफलता दिलाता हैं, जब तक हम दृढ हैं तब तो कोई हमें नहीं हरा सकता, बहुत अच्छी लगी आपके द्वारा share की गई यह कहानी
ब्लॉग पर आने व अपना विचार व्यक्त करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद महेश जी। 🙂
आपको यह कहानी अच्छी लगी इसके लिए सादर आभार।
Jo bhi aadmi apne Aap ko bas Me kar liya usko bhagwan bhi nhi hra skte.. …
Ye bate dil ko chhu liya
Vikas kumar