हर समस्या का समाधान | 5 Problem Solving Steps in Hindi | विजय और सफलता की कुंजी | How to solve a life problem in Hindi | समस्याओं को हल करने के तरीके | How to solve daily personal problems in Hindi
इतिहास के युद्धों और युद्धकला के अध्ययन में मुझे हमेशा ऐसी स्थितियों ने मंत्रमुग्ध किया है, जहाँ छोटी सेना ने बड़ी सेना को हराया है। हर मामले में मैंने पाया है कि संख्या की दृष्टि से छोटी सेना आक्रमण और अमल की योजना में अधिक संख्या वाली सेना की तुलना में ज्यादा व्यवस्थित, सुनियोजित और सटीक थी।
इसी तरह अगर आम आदमी के पास समस्या सुलझाने का सही सिस्टम या नुस्खा हो तो वह ज्यादा बुद्धिमान या उच्च-शिक्षित ऐसे लोगों से आगे निकल सकता है, जो बिना किसी विधि या योजना के अपनी समस्याएँ सुलझाने की कोशिश करते हैं।
जिस तरह गणित की समस्याओं को सुलझाने की एक प्रक्रिया होती है, उसी तरह बिज़नेस और जीवन की समस्याओं को सुलझाने की भी एक प्रक्रिया होती है। इसे सीखकर आप अपने करियर में इसका उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए जरूरत इस बात की होती है कि आप समस्या सुलझाने के काम को योजनाबद्ध और व्यवस्थित अंदाज में करें।
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पहला कदम : समस्या को स्पष्ट रूप से परिभाषित कर लें।
सही तरीके से परिभाषित समस्या आधी सुलझ जाती है। यह बेहद आश्चर्यजक है कि समस्या को ठीक से स्पष्ट किये बिना ही लोग समाधान की तलाश में कितना ज्यादा समय बर्बाद करते हैं।
हर एक समस्या के अन्दर एक सुनहरा मौका छुपा होता है, इसलिए किसी भी समस्या के आने पर निराश मत होइए, आपकी उम्मीद अंत से अच्छी हो सकती है।
दूसरा कदम : पूछें, इस समस्या के सभी संभावित कारण क्या हैं?
समस्या के स्पष्ट और अस्पष्ट दोनों तरह के कारणों की तलाश करें। यह कैसे शुरू हुई? इसकी जड़ें कहाँ हैं? यह कैसे पैदा हुई? वह कौन-सा महत्वपूर्ण तत्व है, जिसके बदलने से समस्या पैदा हुई? किन मान्यताओं के कारण समस्या पैदा हुई?
जिस तरह कोई डॉक्टर किसी बीमार रोगी की गहरी जाँच करता है, उसी तरह आपको भी किसी समस्या को सुलझाने की कोशिश करने से पहले समस्या की पूरी तहकीकात करनी चाहिए।
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तीसरा कदम : पूछें, सभी संभावित समाधान क्या हैं?
आम लोगों की स्वाभाविक प्रवृत्ति से बचें, जो समस्या की परिभाषा से सीधे समाधान पर कूद पड़ते हैं। हमेशा पूछें, “दूसरा समाधान क्या है?”
एक इंसान के जीवन में मुश्किलें ही सफलता को मीठा बनाती हैं।
कई बार सबसे अच्छा समाधान कुछ न करना होता है। कई बार सबसे अच्छा समाधान ज्यादा जानकारी इकट्ठी करना होता है। कई बार सबसे अच्छा समाधान यह एहसास करना होता है कि यह आपकी समस्या नहीं है और फिर इसे किसी दूसरे की ओर बढ़ा देना होता है, जिसकी यह जिम्मेदारी है।
चौथा कदम : पूछें, इस समाधान से क्या हासिल होना चाहिए?
जब आप कई संभावित समाधान खोज लें, तो आपको उनकी जाँच करनी होगी। कोई समाधान कितना प्रभावी या आकर्षक है, इसका मूल्यांकन कैसे करें? इसका एकमात्र तरीका पहले से यह तय करना है कि आप उस समाधान से क्या हासिल करवाना चाहते हैं।
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आपने यह कथन सुना होगा कि “ऑपरेशन सफल रहा लेकिन मरीज मर गया।” यह बहुत आम है कि हम समाधान खोज लेते हैं और उस पर अमल करने लगते हैं, लेकिन समस्या न सिर्फ अनसुलझी रह जाती है, बल्कि हमारे कदम उठाने के बाद स्थिति और बिगड़ जाती है।
विचार धन है, हिम्मत जिंदगी का रास्ता है और आपकी कड़ी मेहनत दुनिया की हर समस्या का समाधान है।
यह सुनिश्चित करें कि आपका चुना हुआ समाधान आपके मनचाहे उद्देश्य को हासिल कर ले, जो आपके दिमाग में समस्या सुलझाने के अभ्यास के समय आया था।
पाँचवाँ कदम : समाधान लागू करने की निश्चित जिम्मेदारी या तो खुद लें या किसी दूसरे को सौपें।
जब आप आदर्श समाधान चुन लें, तो उस पर अमल के लिए एक डेडलाइन तय कर दें। समय का एक पैमाना बना दें, जब तक आप यह तय कर सकें कि समाधान सफल है या नहीं।
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समस्या को सुलझाने वाली जो बातचीत किसी विशिष्ट समाधान तक नहीं ले जाती है, जिसमें व्यक्तिगत जिम्मेदारी और डेडलाइन्स तय नहीं की जाती है, वह खुद एक समस्या है, जो बार-बार आएगी और अनसुलझी रह जाएगी।
इस मक्कार संसार में सब कुछ अस्थायी है, यहाँ तक हम सबकी परेशानिया भी।
किसी समस्या से निपटने के इस सुनियोजित तरीके का तब तक अभ्यास करें, जब तक कि आपको इसकी आदत न पड़ जाये। आप यह देखकर हैरान रह जायेंगे कि इस विधि का प्रयोग करके आप कितने ज्यादा प्रभावी बन जाते हैं और इससे आपके परिणाम कितने बेहतर बन जाते हैं।
Bahut acchi post share ki hai aapne 🙂
Dhanyawad …. Hina ji. 🙂 🙂
sahi mein acchi post hai aapki
Saadar aabhar!! 🙂
good job
Thank you!! 🙂
best article …..
Thanks Vishal ji. 🙂